आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "prem chopra"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "prem chopra"
ग़ज़ल
'इंशा'-जी है नाम उन्ही का चाहो तो तुम से मिलवाएँ
उन की रूह दहकता लावा हम तो उन के पास न जाएँ
अज़ीज़ हामिद मदनी
ग़ज़ल
अब भी उस की याद आकर दिल को तड़पा जाए है
यूँ भुलाने से कहीं उस बुत को भूला जाए है
प्रेम लाल शिफ़ा देहलवी
ग़ज़ल
कार-गर दस्त-ए-जफ़ा-कार रहेगा कब तक
गर्म ये ज़ुल्म का बाज़ार रहेगा कब तक